माँ कल मुझे इक खिलोना दिला देना,
कल ईद भी है कुछ मीठा भी बना देना…
सुबह ठंड भी होती है तुम मुझे अभी नहला देना,
कल भूल गयी थी, जो सोने लगूँ मेरे बालों को सहला देना…
और फिर आने को फ़ूफ़ी का निकाह है नयी पोशाक लेनी है,
इस बार ना पहनूँगा वो जो पहले भी पहनी है…
एक बात और थी, कुछ पूछना था तुमसे,
सब छेड़ते है मुझको अब्बू का नाम बता दो,
वो जो देख के रोती हो वो तस्वीर दिखा दो…